कृषि कानून वापस लेना मोदी की हार और किसानों की जीत: प्रेम गर्ग
कृषि कानून वापस लेना मोदी की हार और किसानों की जीत: प्रेम गर्ग
- किसानों के लंबे संघर्ष के आगे मोदी सरकार ने टेके घुटने
चंडीगढ़, 19 नवंबर: किसानों के लंबे आंदोलन के बाद आखिरकार मोदी सरकार को किसानों के आगे अपने घुटने टेकने पड़े और सच्चाई की जीत हुई। आम आदमी पार्टी चंडीगढ़ के अध्यक्ष प्रेम गर्ग ने कहा कि तीनों कानून को वापस लेने के फैसले ने आखिरकार किसानों के सामने सरकार को आईना दिखाया जिसके बाद मोदी सरकार को घुटने पर आना पड़ा।
किसानों के लंबे संघर्ष के बाद आखिरकार शुक्रवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कृषि सुधार के नाम पर लाए गए तीन दोषपूर्ण कानूनों को वापस लेना पड़ा। ऐसा करना जहां मोदी सरकार खुद को किसानों का हितैषी बताते हुए कर रही है असल में वह किसानों के इस संघर्ष के सामने सरकार के घुटने टेकने को दर्शाता है। इस मौके पर पार्टी अध्यक्ष प्रेम गर्ग की अगुवाई में मटका चौक पर कार्यकर्ताओं ने मिठाई बांटकर खुशी मनाई। गर्ग ने ने कहा कि भाजपा की हार से ज्यादा किसानों की जीत है। किसानों ने अपने हक की लड़ाई के लिए लंबा संघर्ष किया और इस दौरान कई किसान शहीद भी हुए। सरकार को इन तीन कानूनों को वापस लेने के साथ ही उन किसानों की शहादत को सम्मान देना होगा। केवल कृषि कानून वापस लेना काफी नहीं है आम आदमी की यह मांग आम आदमी पार्टी की यह मांग है कि जिन किसानों ने इस संघर्ष में अपने प्राणों की आहुति दी है उनके परिवार को इंसाफ मिलना भी बेहद जरूरी है। आम आदमी पार्टी केंद्र की बीजेपी सरकार से मांग करती है कि इस संघर्ष के दौरान जिन किसानों ने अपने प्राणों की आहुति दी है उन सभी के परिवार को एक करोड़ का मुआवजा तथा परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।